कुछ ऐसे भी होते हैं
कुछ ऐसे भी होते हैं


कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं।
कुछ दोस्त वैसे भी होते हैं।
इम्तिहान जो हो अगर
गलत जवाब लिखवाते हैं।
जो अगर फ़ेल हो जाओ
आँसू पोंछने आते हैं।
खेल-खेल में, हार-जीत में
आगे ही रहना चाहते हैं।
तुम जो पीछे रह जाओ
हौसला भी बढ़ाते हैं।
उनकी ज़रूरत जो पड़ जाए
बहाना बना वो टालते हैं।
मगर दिखावे के लिए
बड़े वादे तक कर जाते हैं।
वाह वाही तुम्हारी ख़ूब करेंगे
जो तुम उनके साथ हो।
ज्यो
ं ही दूजी ओर मुड़े
कमियाँ लाख गिनवाते हैं।
राज तुम्हारी ले लेंगे ये
कहेंगे ना कुछ अपनी बात
जो कुछ इनसे पूछ दिया
तुम्हें गोल गोल घूमाते हैं।
नमक मिर्च से होते हैं ये
चलेगी ना इनके बिन भी
खाना जो सादा हो जाए
उतरेगी कैसे गले से भी।
छैल छबीले, रंग बिरंगें
करतब ये दिखलाते हैं।
खूब करेंगे परवाह सबकी
मगर अपनी हुक्म चलाते हैं।
कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं।
कुछ दोस्त वैसे भी होते हैं।