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Anima Das

Others

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कटी पतंग

कटी पतंग

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कटी पतंग ***********

देखा एक पतंग को

 उड़ते हुऐ

 आसमाँ का सीना

 चीरते हुऐ  

हवा की दिशा पकड़े  

उसकी डोर

न जाने कौन सी चाह थी

देखा उसकी

 हृदय को खिलते हुऐ ....।

 

बड़ी ऊँची उड़ी पतंग

 मानो ना है रिश्ता

 ज़मीन के संग

 खुला आसमाँ  

उसकी मंज़िल

रंगी हुई है नीला रंग...।

 

 

अचानक बिजली तड़क उठी

बादलों की घनी

झुंड चली

तेज हवा की झोंके से

थरथराती पतंग

घबराई वो तड़प उठी..।

 

डोर उमंग की ढीली हुई

किसी पेड़ से उलझ गई

उड़ती पतंग धरा की ओर

न जाने हृदय को है कौन सा डर.....???

 ***************************

देखा एक पतंग को

उड़ते हुऐ

 उड़ती पतंग को

गिरते हुऐ .....

अभिमान को लिए साथ

धरती की गोद में

सोते हुऐ .....।

 


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