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RASHI SRIVASTAVA

Others

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RASHI SRIVASTAVA

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क्रोध एक बुरी आदत

क्रोध एक बुरी आदत

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क्रोध तो है एक बुरी बला

इससे बचकर रहना है,


पाता नहीं कुछ इंसां इससे

नाम ही इसका खोना है,


बुद्धि को अपंग कर देता

हर लेता है विवेक को,


संयम से ना जीने देता

अंत में पड़ता रोना है,


समय रहते ही संभल जाओ

क्रोध को बस तुम ठुकराओ,


धैर्य प्रेम धारण कर लो,गर

जीवन में खुश रहना है I



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