कर्मयोगी
कर्मयोगी
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हे! कर्मयोगी कृष्ण
तुम सारथी हो कर्म के
हे! कर्मयोगी कृष्ण।
जीवनभर कितनी,
चुनौतीयों को उत्तर दिया।
पल-पल न कर्मों से टला।
अन्याय पर न्याय की,
झूठ पर सत्य को,
कर्मशील मानव का,
प्रस्तुत एक अमर,
उदाहरण दिया।
जीवन के सार को,
कर्म में निहित किया।
हे! योगीराज कृष्ण
योग से मानव जीवन को,
सारगर्भित किया।
