क्रिकेट
क्रिकेट
एक दिन मन में आया विचार,
क्रिकेट खेलने का चढ़ा बुखार।
सारे मित्रों को आवाज़ लगायी,
सबने मिलकर एक टीम बनायी।।
मैं बोला बैटिंग सबसे पहले मैं करूँगा,
चौके और छक्कों की बौछार करूँगा।
मित्रों ने मिलकर सहमति जताई,
मेरे हाथों में प्रेम से बैट पकड़ाई।।
सचिन तेंदुलकर की तरह रंग जमाया,
चौके और छक्के से सतक बनाया।
फेंकी आखिरी गेंद जब अनिल ने,
बल्ला घुमाया मैंने बड़े मौज़ में।।
गेंद खिड़की से जा टकराई,
डंडा लेकर गुस्से में मम्मी आयी।
पड़ गए डंडे मुझपर जोर से चार,
उतर गया सारा क्रिकेट का बुखार।।
