कोरोना
कोरोना
कोराना जी नमस्ते
तुम बदल लो अपने रस्ते
हम जनता कर्फ्यू में घर बैठे
शाम हमने थाली ताली बजाई
शायद तुम बदल लो अपने रस्ते
कोराना जी नमस्ते
मजबूरी में लॉकडाउं किया
स्कूल कॉलेज सारे काम धंधे
छोड़ के हम घर बैठ गएं
तुझसे बचने को सेनिटाइज किया
जाम लगने वाला रास्ता साफ किया
कोराना जी नमस्ते
छोटे बच्चे तुझे होवा बाबा कहे
बड़े कहे मौसम खराब है
बुजुर्ग जो पहले से परेशान थे
अब ये हाल देख हैरान है
परितोष की कलम भी आज
दिल के संतोष के साथ
परेशान हुई बड़ी
कोराना जी नमस्ते
तुम पर कैसे लिखे
तुम कभी नेगेटिव हो
और कभी पॉजिटिव हो
तुम कभी इकसार नहीं
एक बात बताओ कोराना जी
तुम किसके रिप्रेजेंटेटिव हो
अब ना छुपाओ कोराना जी
नहीं बताना चाहो मत बताओ
बस ये बात मान लो परितोष की
तुम जाओ किसी और रस्ते जी
कोराना जी नमस्ते
तुम बदल लो अपने रस्ते जी।।