I'm Paritosh and I love to read StoryMirror contents.
मेरे शब्द आपकी जुबां पर चढ़कर किताबें ना बन जाए कहीं। मेरे शब्द आपकी जुबां पर चढ़कर किताबें ना बन जाए कहीं।
परितोष की कलम इंतज़ार करे सही वक्त आए तो नए शब्द लिखें। परितोष की कलम इंतज़ार करे सही वक्त आए तो नए शब्द लिखें।
फिर भी परितोष सोचता है मेरा वक्त बदल जाएगा। फिर भी परितोष सोचता है मेरा वक्त बदल जाएगा।
किसी से मिलना चाहेंगे हम अपने मतलब की तरह किसी से मिलना चाहेंगे हम अपने मतलब की तरह
तुझसे बचने को सेनिटाइज किया जाम लगने वाला रास्ता साफ किया तुझसे बचने को सेनिटाइज किया जाम लगने वाला रास्ता साफ किया