कॉरोना की हसरत
कॉरोना की हसरत
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हसरत थी कॉरोना की
सारी कायनात को अपने
आगोश में लेने की
बचे हैं वह लोग जिनमें हुनर है
उससे दूर रहने की।
ढूंढ रहा है ये कातिल उनको,
जो उससे बचे हुए हैं अब तक।
ऐसे अफलातून माहौल में
महफूज़ हैं वह बंदे
जो बंद हैं अपने घरों में
क्यो की ये काफिर ऐसे घरों में
घुसने की गुस्ताखी नहीं करता ।