कंचन
कंचन
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शीतल मन की बात है,
कंचन "प्यारी" बनी रहो
मीठे बोलो बोल,
जो करे कटु व्यवहार तुमसे
तुम फिर बोलो मीठे बोल,
क्योंकि कहत कहत
ये सुना सभी ने,
मीठी वाणी न
कभी बेकार जाएगी,
जो जैसा बोएगा
उसकी करनी उसी के पास आएगी।