कम्प्यूटर ज्ञान
कम्प्यूटर ज्ञान
कम्प्यूटर जब से आया है
सबने इसे अपनाया है ।
किसी को है प्यारा तो किसी का सिर दर्द बढ़ाया है
मित्रों से बातें और माँ की रेसिपी ने ज्ञान भी बढ़ाया है।
प्राचार्या महोदया जब देखो नई –नई चीजें लाती
झटपट हमको करना है यह बतलाती ।
कोई जल्दी तो देरी से कर पाया
पर सबने अपना कुछ ज्ञान बढ़ाया ।
अध्यक्षा भी हड़बड़ी में आती
कल तक पूरा करना है हमसे कह जाती ।
अफरा -तफरी चारों ओर मच जाती
तभी एक महोदया हमें धीरे से समझाती ।
हमारे प्रश्नों से कम्प्यूटर शिक्षक घबराते
पूछ-पूछकर आखिर में सब सीख ही जाते ।
अब तो कक्षा और मीटिंग भी ऑनलाइन होती है
चाहकर भी मनाही की कोई लाइन नहीं दिखती है।
नेटवर्क महोदय मनमर्जी आते –जाते
प्रातः संध्या हम उनको शीश नवाते ।।
