कमजोर नही
कमजोर नही
हो खुशियों भरा आने वाला साल ये दुआ हम रब से मांगते हैं,
दुःख रहे सब से दूर ये दुआ हम रब से मांगते हैं
प्यार ही प्यार हो हर किसी के जीवन में नफरत का न हो नामोनिशान
हैं दोस्त सभी हमारे कोई दुश्मन न हो यह दुआ हम मांगते हैं।
सतयुग था जब तो महिलाओं का रक्षक उसका भाई पिता पति होता था,
अब तो इस कलयुग में जाने कब रक्षक ही भक्षक बन जाये,
धार लो अब तुम दुर्गा चंडी का रूप और अपनी रक्षा खुद करो,
ना करो विश्वास किसी पर कब अपने ही पराये बन जाएं,
जाने कब दौलत की खातिर बन जाये दुश्मन कोई जान का,
अ
पनी रक्षा पहले खुद करना सीखो विश्वास किसी पे बाद में करो।
जिंदगी की राहें तो होती बड़ी कठिन हैं चलते रहना है हमको हर पल,
मुश्किलों से तो हर रोज हमको गुजरना पड़ता ही है,
डर कर जो बैठ जाएंगे तो जिंदगी भी थम जाएगी,
सूरज चाँद सितारे आसमान धरती सागर की भांति हर पल चलते बढ़ते रहना है,
देती है औरत जन्म मर्द को फिर क्यों वो उससे डरती है,
मुकाबला हर आँधी हर तूफान का करके आगे बढ़ते रहना है,
ऐ औरत तू कमजोर नहीं तू कमजोर नहीं
इस बात का रखना ख्याल सदा ही हिम्मत कर के अपने हर संकट को खुद ही दूर भगाना तू ।