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Pratibha Bilgi

Children Stories

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Pratibha Bilgi

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किताबों का भविष्य

किताबों का भविष्य

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अलमारी में कैद

रैक पर पड़ी

एक - दूसरे से चिपकी

धूल खाती किताबें

सोच रही है

उनका भविष्य कैसा होगा ?

कोई उन्हें हाथ में लेगा

या , यूँही पड़े - पड़े उन्हें सडना होगा

ज्ञान का भंडार समझते थे जिसे

टेक्नालॉजी का मोहताज हुआ

अब तो किताबों को फोन में भी पढ़ा जाता है

किंडल का सब तरफ बोलबाला हुआ

किताबें भी कहीं इतिहास न बन जाये

उनका मोल इन्सानो को समझना ही होगा 



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