खुशी
खुशी
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चाहे घर हो या ना हो,
दिल बस बड़ा हो,
चाहे कपड़े फटे भी हो,
लेकिन चेहरे पे मुस्कान हो।
काश अमीरी गरीबी का भेद ना होता,
तो गरीब होने का कोई ग़म ना होता
सूखी रोटी का स्वाद वो अमीर क्या समझेंगे,
जेब खाली लेकिन खुश रहना वो क्या समझेंगे।