खोया सा चाँद
खोया सा चाँद
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खोया सा मैं चांद हूँ,
जो ढल रहा हूँ,
कल अमावस है,
खो जाऊँगा!!
मिट रही चाँदनी मेरे संग,
उसके संग,
मैं छुप जाऊँगा!
आएगा दिन मेरा भी,
वापस किरनें साथ होगी,
मेरी हैसियत की,
पूनम को बात होगी!
चाँदनी फिर साथ होगी,
सब जीवन रोशनी,
मैं,
भर जाऊँगा,
कुछ कर जाऊँगा,
या ढल जाऊँगा!!