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Amita Mishra

Others

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Amita Mishra

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आधुनिक शिक्षा

आधुनिक शिक्षा

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कोरोना ने चारों तरफ हहाकार मचाया,

प्यारे बच्चों को भी उसने खूब डराया,

स्कूल के प्यारे पल पर उसने पहरा बिठाया,

क्या करें बच्चें कैसे पढ़े बच्चे सवाल सबके मन मे आया ???

इस कोरोना ने हर तरफ से तबाही मचाया।

एक तरफ बच्चे खुश हैं कि नही पड़ेगा पढ़ना,

वही अभिभावकों को घर पर आया रोना।

बच्चों की पढ़ाई पर तो जैसे संकट छा गया ।

तभी ऑनलाइन की पढ़ाई का सुझाव आ गया।

जिन बच्चों से छीना मोबाईल अब उसको हाथ मे पकडाते है

पढ़ लो ऑनलाइन ही अब हम तो यही समझाते है।

खेल, कूद, धमाचौकड़ी भी अब घर पर होती है दादा दादी,

नाना, नानी के संग खेलते पोता पोती है।

जो अपनों से दूर हो चले थे वो अब करीब आ गए

एक ही छत के नीचे पूरी दुनियां समा गई।

पढ़ाई के साथ अब मिलता बच्चों को प्यार दुलार

घर पर रहना बच्चों को भी अब भाने लगा

शिक्षक की मेहनत रंग लाने लगा है, नई तकनीक अब सबको समझ आने लगा है।

प्यार से प्यारे बच्चों को वो ऑनलाइन पढ़ाते हैं, कभी विडियो ऑफ, कभी म्यूट हो जाते है।

तकनीकी रुकावट के चलते लाख मुसीबत उठाते है पर हार नही मानते शिक्षक हर परिस्थिति में वो ज्ञान की गंगा बहाते है।

दो साल में अब हर किसी को स्कूल, शिक्षक, शिक्षा का महत्व समझ मे आने लगा।

आधुनिक तकनीक ने हमको आधुनिक बना दिया पर पुरातन काल की परंपरा का महत्व भी समझा दिया।

जीवन मे कुछ खोना कुछ पाना है जीवन तो आना-जाना है।

पाया हमने नित नए अनुभव कुछ खट्टे कुछ मीठे।

कभी बच्चे बने अभिभावक कभी अभिभावक बच्चें।

अपनों को खोया है तो अपनों को भी पाया है। 

कोरोना ने हमे जीवन का मूल्य सिखाया है।

स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र है शिक्षा जीवन का आधार।

विपरीत परिस्थितियों में ही होता नया अविष्कार।


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