"खजुराहो विशेष रहा"।
"खजुराहो विशेष रहा"।
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खजुराहो विशेष रहा, देखा खूब निहार ।
पाश्चात्य संस्कृति आश्चर्य,करते लोग विहार।
करते लोग विहार, नक्काशी सुंदर लगती।
प्रस्तर उत्कीर्ण प्रेम,सहज सजनी सह खिलती।
कह "जय"स्थापत्य कला, चंदेल नृप मनचाहो।
रहे गजब अवशेष , मुदित करता खजुराहो।
