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कान्हा
कान्हा
Bharti Bourai
Others
3
-
Originality :
3.0★
by 1 user
-
-
Language :
3.0★
by 1 user
-
Cover design :
3.0★
by 1 user
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कान्हा
कान्हा
हर दिवस
विशेष हो जाता है
कान्हा !
जब मेरा प्रेम
तेरे प्रेम में मिल
द्विगुणित होकर
लौट आता है,
तेरी बाँसुरी की
धुन सुन कर
बावला हुआ मन
झूम-झूम गाता है,
तेरी एक
झलक पा
मेरा हर दिवस
मेरा सौभाग्य बन जाता है,
क्या तुझे
यह सब पता है
कान्हा !
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