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Bharti Bourai

Others

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Bharti Bourai

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कान्हा

कान्हा

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हर दिवस 

विशेष हो जाता है 

कान्हा !


जब मेरा प्रेम 

तेरे प्रेम में मिल 

द्विगुणित होकर 

लौट आता है,


तेरी बाँसुरी की 

धुन सुन कर 

बावला हुआ मन 


झूम-झूम गाता है,

तेरी एक 

झलक पा 

मेरा हर दिवस 

मेरा सौभाग्य बन जाता है,


क्या तुझे 

यह सब पता है 

कान्हा ! 


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