जयचंद
जयचंद
1 min
8
ढिंढोरा पीटते है हमदर्दी का
पर दिल से तंग बहुत है ।
शमां बिखेरते भरी महफिलों में
पर पर्दे के पीछे जंग बहुत है ।।
किन मित्रों पर एतबार करें हम
उन अपनो में जयचंद बहुत है ।।।