जय श्री राम
जय श्री राम
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असलम मकतब से आलिम पास है
रोजी रोटी के लिए अंडा बेचता है
तस्लीम मदरसा से क़ामिल पास है
दर्जी का काम करता है
नसरुल भी फाजिल तक पढ़ा है
जूते चप्पल का ठेला लगाता है
फिरोज, सफीक और कमरुद्दीन
सिर्फ तहतानिया फौकनिया तक पढ़ा है
कोई बटन लगाता है तो कोई बैग सिलता है
जूमे के दिन नमाज़ पढ़ता है या नहीं
पर दो चार पैसे कमा कर घर चलाता है
ये बात अलग है
उसी में से कोई बम भी बनाता है
रमेश मैट्रिक पास है
बेरोज़गार है
नरेश बी ए पास है
वह नेतागिरी करता है
दिनेश एम ए पास है
पुरखे की कमाई पर पलता है
महेश सुरेश और गणेश
वो सब भी कुछ न कुछ पढ़ा लिखा है
दिल्ली पंजाब में मजदूरी करता है
उसी में से कुछ बाप के पैसे से रीचार्ज करता है
मोबाइल पर हिंदू मुस्लिम का कमेंट पढ़ता है
और शाम को टावर चौक पर
जुलूस में जय बजरंगबली
जय श्री राम का नारा लगाता है
ये बात अलग है
उसी में से कोई देशी कट्टा भी चलाता है ।
रिजवान बम नहीं बनाता है
और न ही सरे आम
अल्लाह हू अकबर करता है
सरकारी दफ्तर में किरानी है
बिनेसर देशी कट्टा नहीं चलाता है
और न ही सरे राह
जय श्री राम का नारा लगाता है
मल्टीनेशनल कंपनी में सी ओ है
मतलब कौम कोई हो
जो अपने काम में व्यस्त हैं
वह न तो अल्लाह हू अकबर करता है
और न जय श्री राम का नारा लगाता है
