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Babita Jha

Others

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Babita Jha

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जय भवानी

जय भवानी

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अम्बे शैलपुत्री तारणहारनि

पापो का निवारण हारनि

जय जग माता

तुम ही हो भाग्य विधाता

सुख शांति वैभवशाली

तुम सा नहीं कोई शक्तिशाली

अब तो हरो विपदा हमारी

नहीं तो मिट जाएगी 

ये धरती सारी

दूसरा रूप है ब्रह्मचारिणी

तुम ही हो दुखहारणि

तुम ही हो जग की माता

सबकी हो भाग्य विधाता

आज यही है आस हमारी

कब मिटेगी त्रास हमारी

तीसरा रूप माता चन्द्रघंटा

चारों ओर बजे है डंका

फैल रही घनघोर घटा

विनय करू मिटाओ हर शंका

जय जग माता

भाग्य विधाता

चौथा रूप धरी कूष्माण्डा 

उच्च पवित्र लहराये झंडा

आसीन हुई सिंह के ऊपर

हस्त धारण करके खप्पर

अब मिटाओ विपदा हमारी

जय जग माता

भाग्य विधाता

पांचवा रूप स्कंदमाता

अब हमे कुछ भी नहीं भाता

रूप माँ की ऐसे ही निहारू

देख जिसे जीवन सवारूँ

जय जग माता

भाग्य विधाता

छठां रुप कात्यायनी देवी

चारों ओर दिखाई छवि

तुम बिन कौन हरे दुख मेरी

तुम तो हो महिषासुर मर्दिनी

जय जग माता

भाग्य विधाता

सातवें रुप है कालरात्रि

तुम अनेकों रूप धात्री

कर में खप्पर खडग विराजे

तुमको देख काल भी भागे

जय जग माता

भाग्य विधाता

आठवां रूप महागौरी की

सुहावन लागे

लाल जोडे में माता रूप यह जागे

धर लो सभी रूप हे अम्बे

जय जग माता

भाग्य विधाता

नौवां रूप सिद्धिदात्री 

मुक्त करो हे मात 

इस नवरात्रि

सभी रूपों का करूँ आवाहन

सिहं का तुम्हारा है वाहन

जय जग माता

भाग्य विधाता

कब होगी पूरन यह आशा

भटक रही बनके पिपासा

मातुश्री सुन लो अरज हमारी

तब ही पूरी होगी भक्ति सारी

जय भवानी


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