STORYMIRROR

Minal Aggarwal

Others

4  

Minal Aggarwal

Others

जो जीवन का आरंभ वही होता अंत

जो जीवन का आरंभ वही होता अंत

2 mins
356

जब हम जन्म लेते 

सच में 

एक खिलौना से ही होते 

मां की कोख से 

इस धरती पर आते तो 

कितना रोते 

आंख घुमाकर फिर 

चारों तरफ देखते 

एक नये परिवेश को 

शायद जानने की कुछ 

कोशिश करते 

पहला संबंध तो मां से 

ही जुड़ता 

उसको ही पहचानते 

उसे ही अपना मानते 

उससे ही दिल का बंधन 

एक स्नेह का धागा 

जुड़ता 

कहां से आते 

कहां जाते 

शरीर क्या

आत्मा क्या 

ऐसे जटिल प्रश्नों से 

अंजान

बचपन में तो हम बस 

खेलते कूदते 

दौड़ते भागते 

खाते पीते 

सोते जागते 

आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता अपना 

दायरा 

मां के अलावा 

हम परिवार, समाज,

दोस्त, रिश्तेदार सबको 

जानते पहचानते 

घर से बाहर 

कदम बढ़ाते 

स्कूल जाते 

पार्क जाते 

बाजार जाते 

लोगों से मिलने उनके घर 

जाते 

समय व्यतीत होता रहता 

एक दिन ऐसा भी आता कि 

हमारी शिक्षा पूर्ण होती 

अब हम नौकरी तलाशते या 

किसी व्यवसाय से जुड़ जाते 

जीवन में स्थायित्व चाहते 

शादी ब्याह करते 

अपना घर बसाते 

अपना परिवार बढ़ाते 

फिर परिवार में किसी 

बालक का जन्म होता 

हम बच्चों के माता पिता 

और पालनहार बन जाते 

हमारे मां बाप उनके दादा दादी 

और नाना नानी 

यह जीवन तो ऐसे ही चलता 

रहता 

बच्चे धीरे धीरे बड़े होने 

लगते 

हम जवानी से प्रौढ़ावस्था

की तरफ 

ढलने लगते 

काम करने का जोश पर 

अभी भी कम नहीं होता 

दायित्वों का बोझ भी कहीं 

हल्का नहीं होता 

स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां 

बढ़ती उम्र के साथ 

पैदा होने लगती 

इसके प्रति ध्यान देने की 

आवश्यकता पड़ती 

उम्र के इस मोड़ पर 

परिवार, पैसे,

अच्छा स्वास्थ्य,

किसी के प्यार और देखभाल 

इन सबकी जरूरत पड़ती 

सारी उम्र जो मेहनत करी 

वह उम्र के आखिरी 

पड़ाव पर नजर आती 

जो जीवन का आरंभ 

वही होता अंत 

यह बात भी समझ आती 

बुढ़ापे में तन हो जाता 

कमजोर और 

मन हो जाता एक बालक सा 

ही 

यह बात सबको पता 

सबको दिखती 

जिस पर बीतती 

उसे तो और भी अच्छे से 

समझ आती 

बुढ़ापे में बूढ़े लोगों की 

एक शिशु की भांति ही 

होनी चाहिए देखभाल 

यह बात उनके बच्चे कभी न भूले कि 

जब वह थे बालक 

वह थे छोटे तो 

उनके माता पिता ने उनकी भी 

कभी कितने 

तन मन धन से करी थी 

देखभाल 

वैसी ही सेवा के हकदार 

वह भी इस उम्र के आखिरी 

पड़ाव पर होते।


Rate this content
Log in