जिंदगी से मौत भली
जिंदगी से मौत भली
मच गई है खलबली
जिंदगी से मौत भली
जिंदगी में रखा ही क्या है?
मौत से बेहतर कहाँ है?
कह रही है हर कली
जिंदगी से मौत भली
मायूसी के साये में
सारा मंजर घिरा हुआ
जिसको देखो उसका
चेहरा है गिरा हुआ
ख़ुशियों की वो रात ढली
जिंदगी से मौत भली
कहाँ हैं वो राम अब
और वो लक्ष्मण कहाँ?
कहाँ है वो त्याग
और वो समर्पण कहाँ?
अब कहाँ वामन बली?
जिंदगी से मौत भली
हर जगह हैं धांधली
हर तरफ धोखा धड़ी
मौत का साया हैं सर पे
अब तो यहाँ हर घड़ी
आज की कल तक टली
जिंदगी से मौत भली
दोगले, मक्कार
लोगों का जहाँ है
चंद सिक्के इंसान की
कीमत यहाँ है
दुनिया हुई है मनचली
जिंदगी से मौत भली
हर समय की जंग से
अब तंग आ चुके हैं हम
कितनी दूर तक जिंदगी
तेरे संग आ चुके हैं हम
फिर भी राहत न मिली
जिंदगी से मौत भली
क्या करेंगे जीके भी
अब दिल नहीं लगता यहाँ
कुछ नहीं है तेरे बिन
सुना हैं सारा जहाँ
सूनी हैं दिल की गली
जिंदगी से मौत भली