STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Others

2  

Sumit. Malhotra

Others

जिंदगी एक बुलबुला पानी का।

जिंदगी एक बुलबुला पानी का।

1 min
86

जिंदगी एक बुलबुला पानी का,

यारों पानी में पत्थर मत मारो।


पानी साफ हुआ तो प्यास बुझती,

मटमैला तो समझो मुंह हुआ काला।


जहां-जहां एहसास हो अपनेपन का,

वहां-वहां लालच और दगा का क्या काम।


जहां-जहां होती बैर-भावना और सदा क्लेश,

वहां त्याग-समर्पण, अपनेपन का क्या काम।



Rate this content
Log in