जीवन
जीवन
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जीवन में ऐसी रेखा हो
मर्यादा न कभी पार करूँ
प्रेम करूँ छोटों से सदा
बुजुर्गों का सम्मान करूँ
जब भी बोलूँ मीठा बोलूँ
न दिल पे किसी के घाव करूँ
सहज सरल दरिया सा बहूँ
प्रेम दया उपकार करूँ
अतुल बालाघाटी