Kumar Vikash

Others

3.5  

Kumar Vikash

Others

जीवन की चाह

जीवन की चाह

1 min
116


इस कोरोना काल ने

बुद्धि को अजीब कशमकश में डाल दिया है , 

समझ ही नहीं आ रहा की

इन्सान के लिये पैसा जरूरी है या जीवन ।। 


एक बात तो स्पष्ट है की

इन्सान के लिये जीवन जरूरी है ,

और जीवन की चाह बिन पैसों के अधूरी है ।। 


Rate this content
Log in