STORYMIRROR

Bhawna Kukreti

Others

4.8  

Bhawna Kukreti

Others

जद्दोजहद

जद्दोजहद

1 min
506


आज बगीचे में

आम की

कच्ची अम्बियों

से लदे पेड़ों के बीच

बड़ी देर से घूमती

कमाने-खाने की

जद्दोजहद से दूर

मैं, अपने में थी।


जीवन की

खूबसूरती को निहारते,

एक पेड़ की जड़

के पास

थक कर बैठ गयी।


क्योंकि आज

फुर्सत में थी

तो यूँ ही

कच्ची अम्बी को

टहनी से तोड़

स्वाद ले ले कर

काटती खाती

भीगी मिट्टी को

वहीं गिरी

सूखी लकड़ी से

कुरेद रही थी।


भुरभुरी मिट्टी से

अचानक

एक छोटा सा कीड़ा

लकड़ी में लिपट

बाहर निकल आया।


उसे मिट्टी में

वापस करने की

चेष्टा में उठी ही थी

कि एक नन्हा

चिड़िया का बच्चा

कहीं से उड़ कर आया

और पल में

उस कीड़े को

चोंच में दबा उड़ गया ।


मेरे मुँह में

आम का टुकड़ा

अभी भी बचा हुआ था।


Rate this content
Log in