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Kusum Lakhera

Children Stories Fantasy

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Kusum Lakhera

Children Stories Fantasy

जादूगर और राजकुमारी

जादूगर और राजकुमारी

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एक महल में जादूगर आया !

उसने अपने जादू से ..

अपना प्रभाव दिखाया !

पर राजकुमारी को वह जादूगर,

फूटी आँख न भाया !

पर राजा से कैसे कहे वह मन की बात ..

एक दिन जब हो गई जब अंधेरी रात ..

जादूगर ने महल में फ़रमान सुनाया !

कि अब महल के राजसिहांसन '

पर है उसका अधिकार !

जिसे भी होगा अस्वीकार ...

उस पर होगा तलवार से वार !

बेचारे राजा रानी और राजकुमारी .…

हो गए गुलाम बेचारे सपरिवार !

तब एक दिन राजकुमारी ने देखा कि..

एक चील में रहते हैं उस जादूगर के प्राण !

इक दिन चुपके से राजकुमारी ने चील की..

गरदन हाथ से दबाई !

तभी देखा जादूगर बेचारा करने लगा त्राही त्राही!

और तब भी जादूगर को अक्ल न आई !

तब राजकुमारी ने कहा बुरे कर्म करते हुए तुझे ,

लाज न आई , तू जादूगर नहीं है तू है सौदाई ,

और तभी देखा सबने जादूगर का सम्मोहन टूटा ,

उसने जादूगर के वेश में था महल को लूटा !

अब राजा रानी और सारी प्रजा में प्रसन्नता छाई।

सब कहने लगे राजकुमारी ने अपनी बुद्धिमता से 

राजमहल और सारे राज्य की जान बचाई !

ऐसे राजकुमारी सी सन्तान सबको मिले भाई !

राजमहल में फिर से खुशियों की बेला आई


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