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Sandeep Gupta

Children

4.8  

Sandeep Gupta

Children

इससे पहले कि स्कूल खुल जाएँ

इससे पहले कि स्कूल खुल जाएँ

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बढ़ गयी गर्मी,

तपते सब रास्ते।

बंद हुए स्कूल,

रख दो घर बस्ते !


छोड़ के बस्ता,

चलो घूमने,

शिमला, कुल्लू,

मनाली।


छोड़ के बस्ता,

चलो पकड़ लें,

कोई बस, 

या रेलगाड़ी।


राह देखते,  

नाना नानी,

राह देखते,  

दादा दादी।


मामा-मामी,

मौसी-मौसा,

चाचा-चाची,

बुआ-फूफा,

छोड़ के बस्ता,

चलो मिल आएँ, 

राह देखते

सभी हमारी।


ममेरे भाई,

चचेरी बहने,

चचेरे भाई,

ममेरी बहने, 

मिलकर होंगे,

कितने खुश,

याद सभी, कर

रहे हैं हमको,

छोड़ के बस्ता,

चलो मिल आएँ, 

सबसे मिलना

है ज़रूरी।


बर्फ़ का गोला,

रबड़ी की क़ुल्फ़ी,

आम रस, और,

हलवा पूड़ी,

तरबूज़ रसीला,

निम्बू पानी,

ठंडी ठंडी,

मस्त ठंडाई ।


छक के खाएँ,

जम के खेलें,

पिएँ ख़ूब पानी,

खेलें, कूदें,

नाचे, गाएँ,

मचाएँ

धमाचौकड़ी। 


इससे पहले,

कि स्कूल

खुल जाएँ,

छोड़ के बस्ता,

चलो मिल आएँ,

कर लें ख़ूब

शैतानी।


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