इश्क
इश्क
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कुछ पाने या कुछ खोने के
डर इश्क में नहीं होता।
बस लोग लुट जाते हैं
इश्क को निभाते-निभाते।।
कुछ पाने या कुछ खोने के
डर इश्क में नहीं होता।
बस लोग लुट जाते हैं
इश्क को निभाते-निभाते।।