इंसानियत इन्सान को, इंसान बना देती है। इंसानियत इन्सान को, इंसान बना देती है।
यह लिखावट नहीं, वह खुद पूछ रही थी "सच में क्या... हमारे बीच इंसान कहीं है ?" यह लिखावट नहीं, वह खुद पूछ रही थी "सच में क्या... हमारे बीच इंसान कहीं है ?"
करुण क्रंदन हर घर रे तेरा इंसान कहाँ घर रे तेरा I करुण क्रंदन हर घर रे तेरा इंसान कहाँ घर रे तेरा I