जो मुझको सदा राह दिखाती मोहमाया भरी दुनिया में भटकने से भी बचाती जो मुझको सदा राह दिखाती मोहमाया भरी दुनिया में भटकने से भी बचाती
दुख मेरा यह है, मुझे सच बोलना हैहाथ मे लेकिन कोई दर्पन नहीं हैकौन समझे दुख में डूबी खनखनाहटहथकड़ी है... दुख मेरा यह है, मुझे सच बोलना हैहाथ मे लेकिन कोई दर्पन नहीं हैकौन समझे दुख में ...
यह लिखावट नहीं, वह खुद पूछ रही थी "सच में क्या... हमारे बीच इंसान कहीं है ?" यह लिखावट नहीं, वह खुद पूछ रही थी "सच में क्या... हमारे बीच इंसान कहीं है ?"