कब मुकम्मल है बिन मौत के जिंदगी मौत चाहे लाख डराये उसे। कब मुकम्मल है बिन मौत के जिंदगी मौत चाहे लाख डराये उसे।
जिस रास्ते जाना नहीं हर राही से उस रास्ते के बारे में पूछता जाता हूँ। जिस रास्ते जाना नहीं हर राही से उस रास्ते के बारे में पूछता जाता हूँ।
थोड़ा वक्त अपने लिए भी निकाल लिया कर थोड़ा प्यार खुद से भी कर लिया कर। थोड़ा वक्त अपने लिए भी निकाल लिया कर थोड़ा प्यार खुद से भी कर लिया कर।