Garima Kanskar
Others
जब वो मुझसे अच्छा
काम कर देती थी
तो मैं ईर्ष्या से भर जाती थी,
मैं समझ ही नहीं पाती थी
कि क्या करूँ?
उसका काम
बिगाड़ कर,
उसे रुलाकर,
ही चैन पाती थी।
सभी लोग मुझसे ही
बातें करें
मुझे ही हर
बात में पूछें
तभी मुझे अच्छा लगता
नही तो मेरा दिल जलता।
मेरी पहचान
बुढ़ापे का सहा...
प्यार
मेरे भोले बाब...
मेरा हिंदुस्त...
बसंत
मतलब
देश प्रेम
परिवार
दोस्त