यह पल है जिंदगी के कब कैसे बीत जाए कोई नहीं सोच सकता है। यह पल है जिंदगी के कब कैसे बीत जाए कोई नहीं सोच सकता है।
लेखक का परिचय सच मानो तो..., अंत पड़ाव तक शायद अधूरा होता है ! लेखक का परिचय सच मानो तो..., अंत पड़ाव तक शायद अधूरा होता है !