हुस्न ए मुमताज़
हुस्न ए मुमताज़
बाग ए इरम ए गुल गुलनाज़ नज़र आते हैं
बे हिजाब हसीन रुख शहनाज़ नज़र आते हैं
बाग ए इरम ए गुल ( जन्नती बाग के फूल सा फूल )
गुलनाज़ ( फूल सा होने का फख्र )
शहनाज़ ( सजी धजी दुल्हन )
खुमार ए कुहन में डूबी हुई निगाह ए नर्गिस
शायन ए मस्त निगाह ए नाज़ नज़र आते हैं
खुमार ए कुहन ( पुरानी शराब के नशे में )
शायन ए मस्त ( बिलकुल मस्त )
निगाह ए नाज़ ( निगाह के नखरे )
शब ए वस्ल मुस्कुरा देते है जुल्फ ए हुस्न ए यार
संग ओ खिश्त ए बुत हुस्न ए मुमताज़ नज़र आते हैं
संग ओ खिश्त ए बुत ( पत्थर मिट्टी से बने बुत )
हुस्न ए मुमताज़ ( हुस्न के मुअज्ज़ज़ यानी नामचीन हसीन , नामी , खास , प्रख्यात )
उस की नर्गिश ए सुरमगी में गिरफ्तार है 'हसन'
गुफ्त ए तरन्नुम लब तबस्सुम गाज़ नज़र आते हैं
नर्गिश ए सुरमगी ( शूरमे में सजी आंखे, काजल भरी आंखे )
गुफ्त ए तरन्नुम ( खुश इल्हानी , खूबसूरत गाना )
लब तबस्सुम गाज़ ( मुस्कुराहट से मार देना )
