हत्यारा
हत्यारा
मैं कभी किसी
शैक्षिक संस्थान में
अध्यापन का कार्य करता था
एक शिक्षक था
प्रोफेसर के पद पर था
मेरा कार्य था अपने छात्रों को
उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करना
और उनमें अच्छे संस्कार
विकसित करके
उन्हें एक अच्छा नागरिक
बनाना
मैं इस कार्य को
जाती तौर पर अपना कर्तव्य
समझता था
अपना धर्म मानता था
एक जिम्मेदार नागरिक की
तरह ही
पूरी निष्ठा से
अपने इस कर्तव्य का पालन
करता था
कोई भी छात्र मेरे पास
बिना हिचक
अपनी किसी व्यक्तिगत समस्या को
लेकर आ सकता था
मेरा शिक्षण संस्थान
मेरा घर था और
उससे जुड़े सब
लोग मेरा परिवार
हर गतिविधि में मैं
बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता
था
कोशिश करता था कि
कहीं कुछ छूट न जाये
अनदेखा न रह जाये
मेरी नजरों से दूर न चला
जाये लेकिन
कई बार कितनी भी ताकत
क्यों ना झोंक दो
कुछ तो अप्रत्याशित घटित हो
ही जाता है
वह चेहरा भीड़ में
मुझे दिखा
जाना पहचाना सा
अरे हां
याद आया
मेरा पूर्व छात्र
मेरे हाथों निकला
मेरा अपना कोई
मैं उससे संपर्क साध
पाता
उससे पहले वह आंखों से
ओझल हो गया
बातचीत का कोई दौर
शुरू नहीं हो पाया
साथ में मेरे एक मित्र जो
मेरे साथ ही पढ़ाते थे ने
मुझे कहा कि क्या मुझे पता है कि
हमारे इस पूर्व छात्र पर
हत्या का आरोप है
पुलिस को इसकी तलाश है और
यह अपनी जान बचाता
अपनी पहचान छिपाता
अपने चेहरे मोहरे बदलता
नकाब लगाता
छिपता छिपाता घूम रहा है
हमारा तो बच्चा है तो
हमारी नजर पड़ी इस पर तो
पहचान में आ गया
कहां तक खुद को पुलिस के
शिकंजे से बचा पायेगा
आखिर अपराध किया है
या नहीं
यह तो बाद की बात है पर
अपराधी की श्रेणी में तो आ
ही गया है
मेरे मित्र मेरे छात्र के बारे में
बोले चले जा रहे थे और
मैं कहीं मन ही मन चीख चीखकर यह दोहरा
रहा था कि
मेरे हाथ से निकला मेरा
विद्यार्थी
जीवन में चाहे थोड़ा कम पाये
लेकिन संस्कारी होगा
सत्य की राह पर चलेगा
वह अपराधी नहीं हो सकता
वह हत्यारा नहीं हो सकता
उसके हाथों कोई खून नहीं हो
सकता
नहीं ऐसा नहीं हो सकता
कभी नहीं हो सकता
कभी नहीं।