होली
होली
आओ मिल कर खेलें होली
सबसे न्यारी अपनी टोली
सभी पुराने क्लेश भुलाकर
सबसे बोलें मीठी बोली
लाल हरे और पीले नीले
देखो मेरे रंग चटकीले
भर ली मैंने नयी पिचकारी
रंग दूंगा मैं दुनिया सारी
सुबह सवेरे सोनू जागा
उसके पीछे मोनू भागा
वो छिप गया लकी सयाना
नहीं चलेगा कोई बहाना
बंद करो ये आंखमिचौली
आओ मिल कर खेलें होली
रंग लगायें गुंझिया खाएं
झूमे नाचें खुशी मनाएं
खेल कूद कर घर को आये
रगड़ रगड़ कर हम नहाये
बड़े जोर की भूख लगी अब
पूरी हलवा खायें मिल सब
होली का त्यौहार है न्यारा
बीत गया दिन कितना प्यारा
हमें उदास देख माँ बोली
फिर आएगी प्यारी होली।