होली
होली
यूँ ही होली तो एक बहाना है
हमे तो सबके संग ईद मनाना है
वो मीठी सिवाईं, वो मीठी गुझियां
हमे तो सतरंगी हिंदुस्तान बनाना है।
लिए हाथ में पिचकारी
खेले रंग गुलाल
एक साल के बाद है लौटा
रंगों का त्योहार
रंगों का त्योहार
कि आओ खेलें होली
घुल जाएँ, मिल जाएँ
किसी इश्क़ की टोली
ध्यान रहे जो रंग लगें वो प्यार के हों
न मजहब के हों , न वो कोई व्यापार के हों।
नीयत पाक साफ़ हो यारा
हाथ छुए जब गाल गुलाबी
इश्क़ पियें और इश्क़ में डूबें
आँखें जब हो मय सी शराबी
हार तुम जाना नफरत हमदम
जैसे हारे कोई जुंवारी
हो जाना तुम इश्क़ इश्क़
होली की है बात निराली।
हर एक रंग में रंगा है हर दिल
तेरा दिल हो या मेरे दिल
होठ शराबी गाल गुलाबी
होली होली सबका दिल।
तुम हरा रंग मुझको ही लगा दो
मैं केसरी रंग लगाऊँ तुम्हें,
तुम प्रेम का गीत सुनाओ कोई
मैं इश्क की नज्म सुनाऊँ तुम्हें,
आज शेरों को भी होली कर
सतरंगी गजलों से नहलाऊँ तुम्हें,
तुम बन जाओं आज मोहब्बत अमृत
मैं कतरा कतरा फिर चख पाऊं तुम्हें,
क्या रखना कोई दिल में मलाल
आओ होली में गले लगाऊँ तुम्हें,
ये रंग फिजाओं में प्यारा
चल होली होली कर जाऊँ तुम्हें।
