होली के रंग
होली के रंग
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होली के उड़ते गुलाल में,
कुछ उदासियों के रंग मिले हैं।
कहीं जश्न बेशुमार हैं ,
तो कहीं खामोशियों के संग मिलें हैं।
होली की पछवा हवाओं में,
बारूद के रंग मिलें हैं।
कहीं ढह रही जमींं है,
तो कहीं जवानों के सिर मिले हैं।
होली के गुलाल में यारों,
कई रंग मिले हैं।
कहीं खुशियों के रंग तो,
कहीं गमों के रंग मिले हैं।
कोई खिल रहा है प्रीत के रंग में,
तो कोई वियोग के रंग में रंगा है।
खेलों होली प्यार से ए मेरे दोस्तों,
सबको अपना ही रंग मिला है।
