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पर्यावरण ... &nb...
तब तू ही करायें सच का ज्ञान, जगत को कैसे बतलाये। तब तू ही करायें सच का ज्ञान, जगत को कैसे बतलाये।
हे माँ प्रकृति की तुम, अनुपम माया हो। हे माँ प्रकृति की तुम, अनुपम माया हो।
पीले कपडे लंबी दाढ़ी, रौव छलकता चेहरा था। पीले कपडे लंबी दाढ़ी, रौव छलकता चेहरा था।
प्यारी सी गलियां वो बचपन की सखियाँ, प्यारी सी गलियां वो बचपन की सखियाँ,
होली के गुलाल में यारों, कई रंग मिले हैं। होली के गुलाल में यारों, कई रंग मिले हैं।