हम सब के प्यारे चंदामामा
हम सब के प्यारे चंदामामा
किसी ने करवा चौथ समझकर चांद की तरफ देखा
तो किसी ने ईद समझकर चांद की तरफ देखा
ज़रा चांद को तो देखो
उसने तेरी तरफ भी देखा, उसने मेरी तरफ भी देखा
चांद की चांदनी में सब लोग धुल गए
किसी ने प्रार्थना पढ़ी तो किसी ने नमाज़
चांद को तो यही दिखा के सब चांदनी में घुल गए
उसने मजहब नहीं देखा, सुनी दिल की आवाज
जब चांद खुद फर्क नहीं कर रहा
तू क्यों फर्क कर रहा है
फालतू लोगों की बातों में आकर
दोस्त की जिंदगी नर्क कर रहा है
झगड़ा तो फालतू लोग करवा रहे हैं
जिनकी शिकायत तेरा दिल खुद कर रहा है
तूने दोस्त पे वार किया है जरूर
पर उसकी हालत देख तू खुद ही मर रहा है
