STORYMIRROR

Sandeep Kumar

Others

2  

Sandeep Kumar

Others

हिंदी

हिंदी

1 min
167


मेरी शान है हिंदी

मेरा गान है हिंदी

मेरे देश का बोली भाषा 

मेरी पहचान है हिंदी।।


125 करोड़ लोगों का

अभिमान हूं मैं हिंदी

मैं अर्पित इस देश का

संविधान हूं मैं हिंदी।।


राष्ट्रगान हूं हिंदी

राष्ट्रगीत हूं हिंदी 

रिश्ते और बंधन मे 

संबोधन हूं मैं हिंदी।।


दिन से रात तक

सूर्योदय से सूर्यास्त तक

हर जुबान पर रहता हूं

वह बात हूं मैं हिंदी।।


मनोहर से लेकर

बाल्मीकि रामायण तक

लिखा हर शब्द में

अनोखा अंदाज हूं मैं हिंदी।।


प्यार के बात से

निराला के जज्बात से

महफ़िल सजाया

वह जज्बात हूं मैं हिंदी।।




Rate this content
Log in