" हाथों में थाली होगी "
" हाथों में थाली होगी "
बना रहे अस्तित्व हमारा
अपना भी कुछ दौर बने
काज करो कुछ ऐसा कि
हम दुनिया का सिरमौर बनें!
यहां विरोधी सूक्ष्म मिलेंगे
लोहू का कुछ काम नहीं
लड़ना होगा सूझ बूझ से
हथियारों का नाम नहीं,
यहां युद्ध होगा लेकिन
रिपु ललकार नहीं होगी
नहीं बजेगी रणभेरी
कोई हुंकार नहीं होगी ,
युद्ध यहां होगा लेकिन
ये युद्ध भूमि खाली होगी
करतल ध्वनि की गूंज रहेगी
हाथों में थाली होगी ! !
' कोरोनासुर ' महाशक्ति
अमरीका से ना पस्त हुआ
भस्म हुआ ना ' ड्रैगन ' से
न पश्चिम में ये अस्त हुआ ,
वीर देख भारत मां के
कोरोना शीश झुकाएगा
कोरोना क्या, ये जग सारा
वन्दे मातरम् गाएगा,
जीवन के इस महासमर में
विजयश्री प्याली होगी
करतल ध्वनि की गूंज रहेगी
हाथों में थाली होगी !!