हानि से परेशानी
हानि से परेशानी
जीवन में कम हैं लाभ और अधिक है हानी
बस यही है प्रिय पाठकों! हमारी परेशानी।
हर कोई करने लगा है अपनी खूब मनमानी
बच्चों का ही काम होता है करना शैतानी
कभी-कभी बड़े भी कर जाते हैं नादानी
फिर भी संग ही बितानी होती है ज़िन्दगानी।
मीठी-मीठी बातें लगती हैं बड़ी सुहानी
पर भीतरी कड़वाहट को मैं नहीं पहचानी
चालाक ज़माने को देख, मुझे होती हैरानी
इर्दगिर्द अपनों को भला मैं क्यों न जानी !
हर कठिनाई में सबका साथ देने वाली संग रहतीं *माँ भवानी*
उन्हीं का नाम स्मरण कर निरंतर कदम बढ़ाती *ऋचा* दीवानी
आने वाली हर समस्या का समाधान करने की बस दिल में ठानी
इस सत्य की सार्थकता केवल आस्तिक महिलाओं ने ही जानी।
कहा करती थीं अक्सर मुझसे मेरी दादी-नानी
मेरी बिटिया रानी! कभी मत करना तुम बेइमानी
अब खेल-खिलौने, बचपना छोड़ बन जा सयानी
फिर कभी नहीं होने वाली तुझे कोई भी परेशानी।
