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SNEHA NALAWADE

Others

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SNEHA NALAWADE

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हा जिंदगी भर...

हा जिंदगी भर...

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यादें कितनी सारी होती है ना की बात कहा से

शुरू करे कभी कभी वो भी समझ में नहीं आता

वैसे स्कूल का कुछ इतना ठिक से याद तो नहीं

पिता जी आर्मी में होने की वजह से एक जगह पर

रह ही नहीं हर तीन साल के बाद तबादला


पर फिर भी मैने मेरी मॉं से ही अक्सर सूना है

बचपन में काफी परेशान किया है आज भी वहीं शुरू है

क्या करे बचपन की इतनी बूरी आदत है जाती ही नहीं


पिता जी के साथ थे हम पर स्कूल में पढ़ाई को

लेकर हमेशी से ही सिरियस रही हूॅं

मॉं ही मेरी सब पढ़ाई लेती थी

गणित तो जैसे मेरा न पडने का विषय

जो आज भी है अगर गलती से किताब हाथ में ली

तो सीधी नींद ही आती है वो अलग


मेरी मॉं हमेशा मुझे कहती है कब तक उससे भागेगी तू ?

मेरा जवाब एक है 'जिंदगी भर’

हा जिंदगी भर भागती रहूॅंगी...


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