STORYMIRROR

Goldi Mishra

Children Stories

4  

Goldi Mishra

Children Stories

गर्मियों की छुट्टियां

गर्मियों की छुट्टियां

1 min
168

किसी ने नाक सिकोड़ते हुए कहा गर्मी फिर आ गई,

छुट्टी पर गई थी अब वापस आ गई।

अरे ! कोई आंगन साफ कर वा दो,

अमरूद के पेड़ के नीचे चारपाई बिछा दो,

बच्चो से कह दो ज्यादा बाहर ना निकले,

धूप में ज्यादा ना खेले।


किसी ने नाक सिकोड़ते हुए कहा गर्मी फिर आ गई,

छुट्टी पर गई थी अब वापस आ गई।

निमोली को गर्मी से आम याद आ गए,

छोटू को खट्टे जामुन याद आ गए,

लू और सूरज की तपिश में पेड़ो की छाव एक ठंडक देती है,

मौसम है बदल रहा ध्यान रखो ऐसा हर पल नानी कहती है।


किसी ने नाक सिकोड़ते हुए कहा गर्मी फिर आ गई,

छुट्टी पर गई थी अब वापस आ गई।

आ ही गई गर्मियों की छुट्टियां,

अब हर शाम सारे बच्चे इकट्ठे हो कर सुनेगे नानी की कहानियां,

इस गर्मी में भी एक ठंडक कही बाकी है,

आधी गर्मियां बीत गई अभी आधी बीतनी बाकी है।


किसी ने नाक सिकोड़ते हुए कहा गर्मी फिर आ गई,

छुट्टी पर गई थी अब वापस आ गई।

रेशमा चाची ने आम पन्ना बनाया है,

और दिवेदी जी ने आमरस बनाया है,

दोनों ने इस गर्मी को भी स्वाद से भर दिया,

इस मौसम ने तो दिलों को दिलों से जोड़ दिया।


Rate this content
Log in