गर्मी
गर्मी
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ठंडी जाती गर्मी आती,
बड़ा खराब मौसम लाती।
आग का गोला बन धरती जलती,
गरम-गरम सारा दिन लू चलती।
चाय गर्म का दौर खत्म,
हाय-हाय गर्मी का सितम।
भिन्न- भिन्न कोल्ड ड्रिंक सब पीते,
ताल-तलैया, कुएँ -बावरी सब रीते ।
सूरज की किरणें तीर छोड़ती रहतीं पैने,
ओंठ सूखते, पल-पल प्यास, दर्द सब सहने ।
बड़े आदमी एसी-कूलर का लुत्फ उठाते,
छोटे हाथ का पंखा झल-झल काम चलाते ।
गर्मी आती बड़ा सितम है ढाती,
बूंद-बूंद के लिए हर प्राणी को तरसाती ।
रातें कुछ ठंडी हो जातीं,
भोर सुहानी बन जातीं ।
साथी ! गर्मी में कम खाओ,
भरी दोपहरी में कहीं न जाओ ।