गरबा
गरबा
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में गरबा नृत्य का आयोजन देखने का सौभाग्य मिला ।बहुत से देश के छात्र छात्राओं ने विभिन्न रंगबिरंगे पारंपरिक पोशाक में मनमोहक नृत्य किया ।बहुत ही विहंगम और अद्भुत दृश्य था । और कुछ सोचने को मजबूर कर रहा था कि हम अपने ही देश में कितना बंटे हुए और विदेश में सब हमारी संस्कृति को सजाए हुये हैं ।इस को देख कसक और ईर्ष्या को रेखांकित करती ये रचना .
गरबा का इतिहास है पुराना
माँ की आराधना हेतु नृत्य सुहाना
सृजन का है प्रतीकात्मक रूप
मिट्टी के घट मे दीप जलाना ।
गुजरात में इसका स्थान विशेष
लोकप्रिय हो रहा देश विदेश
विदेशियों को गरबा करते देख
मन हुआ उल्लास से अतिरेक ।
विहंगम दृश्य देख आई ईर्ष्या
हम भूलते जा रहे अपने संस्कार
धर्म की गहरी खाई बना रखी,और
विदेश मे सब मिल मना रहे त्यौहार ।