गणतंत्र
गणतंत्र
1 min
304
परतंत्र से स्वतंत्र हुए,संविधान रचा गणतंत्र,
तंत्र न हावी गण पर हो चाहे फूँके कोई मंत्र,
नीलम अंबर लहराया तिरंगा ऊँचा उड़े विमान,
अभिव्यक्ति की मिली छूट,तो रखो उसका मान,
विकासशील देश हमारा,मिल गढ़ें नये प्रतिमान,
निस नवीन लक्ष्यों को पाना है अपना अभियान।
