गणपति वंदना
गणपति वंदना
सूँड़ सूँड़ाला, मुण्ड मुण्डाला
गणपति गजानंद देव बलवाना।
रिद्धि सिद्धि के दाता,
वीगन विनाशा,
गौरी के लाला,
शिव शंभु प्यारा।
चतुर्थी को बिराजा,
प्रथम पुजारा,
मुश्क सवारा
गणपति देव निराला।
तुम तो इनको ध्याना,
अपना सारा दुःखडा मिटवाना,
इनको है सब देव देवियों का वरदाना,
सब भक्तों को धनवान बनाना।
करता पूरण मनोकामना,
सबका दुःख संकट हरणा,
देखो आया रे आया,
गणपति गजानंद भगवाना।
माता पिता के चक्र लगाए,
गुरु बधी का नाम कमाए,
ये है रिद्धि के दाता,
सब काम सिद्धि करवाता।
गणपति गजानंद भगवाना।